जन्मदिन पर स्टालिन का संकल्प, हिंदी थोपने का विरोध करुंगाकहा- ट्राई लैंग्वेज पॉलिसी के नाम पर क्षेत्रीय भाषाओं को बढ़ावा देना केंद्र सरकार का झूठ

Sat, 01 Mar 2025 23:10:34 +0000

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने शनिवार को अपना 72वां जन्मदिन मनाया। इस मौके पर उन्होंने कहा- मैं जन्मदिन पर संकल्प लेता हूं कि हिंदी भाषा को थोपने का विरोध करूंगा। केंद्र सरकार क्षेत्रीय भाषाओं को बढ़ावा देने के नाम पर ट्राई लैंग्वेज पॉलिसी लागू कर रही है। असल में यह पॉलिसी गैर-हिंदी भाषी राज्यों में हिंदी थोपने की साजिश है। स्टालिन ने पंजाब और तेलंगाना की सराहना की कि उन्होंने स्कूलों में पंजाबी और तेलुगु को अनिवार्य किया है। साथ ही कहा कि दोनों राज्यों ने केंद्र की BJP सरकार के इस झूठ को उजागर किया है कि न्यू एजुकेशन पॉलिसी के तहत ट्राई लैंग्वेज पॉलिसी को क्षेत्रीय भाषाओं को बढ़ावा देने और फैलाने के लिए लागू किया जा रहा है। स्टालिन ने कहा- पंजाब और तेलंगाना सरकारों की घोषणा ने यह स्पष्ट कर दिया है कि यह अपनी प्रमुख भाषाओं की पहचान करने और उनके (केंद्र सरकार) जाल में फंसने से बचने का तरीका है। तमिलनाडु की तरह ही हर राज्य को अपनी मातृभाषा बचाने के लिए ऐसा करना चाहिए। तमिलनाडु CM स्टालिन ने कहा- आपकी जन्मदिन की शुभकामनाओं ने मुझे और अधिक संकल्पबद्ध होकर काम करने और तमिल जाति और भाषा की रक्षा के लिए संघर्ष को आगे बढ़ाने के लिए प्रेरित किया है। इस जन्मदिन पर मैं प्रमुख भाषा को थोपने से रोकने और तमिल भाषा को बचाने का संकल्प लेता हूं। PM मोदी, राष्ट्रपति ने स्टालिन को जन्मदिन की शुभकामनाएं दी
CM स्टालिन को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, राज्यपाल आरएन रवि, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने जन्मदिन की शुभकामनाएं दीं। प्रधानमंत्री मोदी ने X पर लिखा- तमिलनाडु के मुख्यमंत्री स्टालिन को जन्मदिन की शुभकामनाएं। ईश्वर उन्हें लंबी और स्वस्थ जिंदगी दे। वहीं राहुल गांधी ने कहा, मेरे भाई और तमिलनाडु के मुख्यमंत्री स्टालिन को जन्मदिन की बहुत-बहुत शुभकामनाएं। हम भारत की विविधता, संघीय ढांचे और संवैधानिक मूल्यों को बनाए रखने के लिए साथ खड़े हैं। भाजपा ने 5 मार्च की सर्वदलीय बैठक का बहिष्कार किया
इन सबके बीच, तमिलनाडु भाजपा ने 5 मार्च को स्टालिन की ओर से बुलाई गई सर्वदलीय बैठक का बहिष्कार किया है। इसमें तमिलनाडु पर परिसीमन प्रक्रिया के संभावित प्रभाव पर चर्चा होनी थी। तमिलनाडु BJP के अध्यक्ष के. अन्नामलाई ने कहा, आप लोगों को अपनी जानकारी का सोर्स देने में असफल रहे कि जनसंख्या के आधार पर परिसीमन प्रक्रिया किया जाएगा। चूंकि यह आपकी ओर से फैलाया गया एक काल्पनिक और निराधार डर है, ऐसे में हमने इसमें भाग नहीं लेने का निर्णय किया है। तमिलनाडु में कैसे शुरू हुआ ट्राई लैंग्वेज वॉर धर्मेंद्र प्रधान ने 15 फरवरी को वाराणसी के एक कार्यक्रम में तमिलनाडु की राज्य सरकार पर राजनीतिक हितों को साधने का आरोप लगाया था। धर्मेंद्र प्रधान के बयान के बाद तमिलनाडु के CM और डिप्टी CM के बयान 18 फरवरी को उदयनिधि स्टालिन बोले- केंद्र लैंग्वेज वॉर शुरू न करें
चेन्नई में डीएमके की रैली में उदयनिधि स्टालिन ने कहा- " धर्मेंद्र प्रधान ने हमें खुलेआम धमकी दी है कि फंड तभी जारी किया जाएगा जब हम तीन-भाषा फॉर्मूला स्वीकार करेंगे। लेकिन हम आपसे भीख नहीं मांग रहे हैं। जो राज्य हिंदी को स्वीकार करते हैं, वे अपनी मातृभाषा खो देते हैं। केंद्र लैंग्वेज वॉर शुरू न करें। 25 फरवरी को एमके स्टालिन बोले- हम लैंग्वेज वॉर के लिए तैयार हैं
तमिलनाडु CM एमके स्टालिन ने कहा- केंद्र हमारे ऊपर हिंदी न थोपे। अगर जरूरत पड़ी तो उनका राज्य एक और लैंग्वेज वॉर के लिए तैयार है। 23 फरवरी को शिक्षा मंत्री ने स्टालिन को लेटर लिखा था
ट्राई लैंग्वेज विवाद पर केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन को लेटर लिखा था। उन्होंने राज्य में हो रहे नेशनल एजुकेशन पॉलिसी (NEP) के विरोध की आलोचना की। उन्होंने लिखा, 'किसी भी भाषा को थोपने का सवाल नहीं है। लेकिन विदेशी भाषाओं पर अत्यधिक निर्भरता खुद की भाषा को सीमित करती है। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) इसे ही ठीक करने का प्रयास कर रही है। NEP भाषाई स्वतंत्रता को कायम रखती है और यह सुनिश्चित करती है कि स्टूडेंट अपनी पसंद की भाषा सीखना जारी रखें।' धर्मेंद्र प्रधान ने अपने लेटर में मई 2022 में चेन्नई में पीएम मोदी के 'तमिल भाषा शाश्वत है' के बायन का जिक्र करते हुए लिखा- मोदी सरकार तमिल संस्कृति और भाषा को वैश्विक स्तर पर बढ़ावा देने और लोकप्रिय बनाने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। मैं अपील करता हूं कि शिक्षा का राजनीतिकरण न करें। NEP 2020 के तहत, स्टूडेंट्स को 3 भाषाएं सीखनी होंगी, लेकिन किसी भाषा को अनिवार्य नहीं किया गया है। राज्यों और स्कूलों को यह तय करने की आजादी है कि वे कौन-सी 3 भाषाएं पढ़ाना चाहते हैं। प्राइमरी क्लासेस (क्लास 1 से 5 तक) में पढ़ाई मातृभाषा या स्थानीय भाषा में करने की सिफारिश की गई है। वहीं, मिडिल क्लासेस (क्लास 6 से 10 तक) में 3 भाषाओं की पढ़ाई करना अनिवार्य है। गैर-हिंदी भाषी राज्य में यह अंग्रेजी या एक आधुनिक भारतीय भाषा होगी। सेकेंड्री सेक्शन यानी 11वीं और 12वीं में स्कूल चाहे तो विदेशी भाषा भी विकल्प के तौर पर दे सकेंगे। गैर-हिंदी भाषी राज्यों में हिंदी दूसरी भाषा
5वीं और जहां संभव हो 8वीं तक की क्लासेस की पढ़ाई मातृभाषा, स्थानीय या क्षेत्रीय भाषा में करने पर जोर है। वहीं, गैर-हिंदी भाषी राज्यों में हिंदी दूसरी भाषा के रूप में पढ़ाई जा सकती है। साथ ही, हिंदी भाषी राज्यों में दूसरी भाषा के रूप में कोई अन्य भारतीय भाषा (जैसे- तमिल, बंगाली, तेलुगु आदि) हो सकती है। किसी भाषा को अपनाना अनिवार्य नहीं
राज्यों और स्कूलों को यह तय करने की स्वतंत्रता है कि वे कौन-सी तीन भाषाएं पढ़ाएंगे। किसी भी भाषा को अनिवार्य रूप से थोपने का प्रावधान नहीं है। ट्राई लैंग्वेज वॉर से जुड़ी ये खबरें भी पढ़ें.... शाह बोले-तमिल न बोल पाने के लिए माफी मांगता हूं: यह दुनिया की सबसे पुरानी भाषा; राज्य में ट्राई लैंग्वेज पॉलिसी पर जारी है विवाद तमिलनाडु में ट्राई लैंग्वेज पॉलिसी पर जारी विवाद के बीच गृह मंत्री अमित शाह का एक बयान सामने आया है। शाह 26 फरवरी को कोयंबटूर में ईशा फाउंडेशन में आयोजित महाशिवरात्रि समारोह में शामिल हुए थे। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए शाह ने कहा- सबसे पहले, मैं दुनिया की सबसे पुरानी भाषा तमिल न बोल पाने के लिए माफी मांगना चाहता हूं। पूरी खबर पढ़ें...    Read More...
Source: https://www.bhaskar.com/international/news/russia-ukraine-war-zelenskyy-britain-european-countries-summit-134566321.html

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