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04-07-2017

कुछ जख़्म कभी नहीं भरते

कुछ लम्हे कभी नहीं गुज़रते
कुछ रातें कभी नहीं कटती

कुछ एहसास कभी नहीं मरते
कुछ दरारें कभी नहीं भरती

कुछ वादे कभी नहीं मुकरते
कुछ उम्रे कभी नहीं घटती

कुछ जख़्म कभी नहीं भरते
कुछ यादें कभी नहीं मिटती

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