लड़ाई की वजह (Moral Motivational story Hindi)
अक्सर आप सभी ने घरों मे एक दुसरे से लड़ाई की होगी बच्चो की लड़ाई मै बड़े भी आपस मैं बोलना बंद कर देते है
बच्चे तो फिर एक हो जाते है पर बड़ो का आपस मै मेल मिलाप कम हो जाता है दिलो मै खटास पैदा हो जाती है एक ऐसी ही बात मैं आपको बताने जा रही हु
आज की ये कहानी ऐसे ही लोगों के बारे में है सुनिए और बतयिए की क्या आप भी इनमे से एक तो नहीं हैं.
एक बार एक बूढ़ा शहद से भरी मटकी लेकर जा रहा था, रास्ते में उसका पाँव एक छोटे से पत्थर पर पड़ा, तो वह लडखडा गया और मटकी से थोडा सा शहद जमीन पर टपक गया।
अब बूढ़ा तो संभल कर आगे चल दिया पर शहद पर कई मक्खिया उड़ कर आ गई और उन मक्खियों को एक गिलहरी ने देखा, तो वह फ़ौरन उन पर झपट पड़ी।
मक्खिया भी उड़ कर चली गई, तभी एक बिल्ली ने गिलहरी पर झपट्टा मारा, तो गिलहरी भी अपनी जान बचा कर भाग गई उसी समय एक कुत्ता दोड़ता हुआ आया और बिल्ली उसे देखते ही वहां से भाग गई।
मगर अचानक एक और कुत्ता वह आ गया फिर दोनों आपस में लड़ने लगे, इतने में उन कुत्तो के मालिक भी आ गए वे अपने कुत्तो को बचाने में लग गए
लेकिन जब वे कुत्ते शांत नहीं हुए तो दोनों एक दुसरे के कुत्तो को पीटने लगे और फिर आपस में ही भीड़ गए।
जब बात बढ़ गई तो उनके घर वाले और दोस्त भी आ पहुंचे कुछ देर बाद दोनों तरफ के मोहल्ले वाले भी लाठियों लेकर मैदान में आ गए, दोनों गुटों में जमकर मारपीट होने लगी कई लोग जख्मी हो गए।
तभी एक साधु उधर से गुजरा और वह का नज़ारा देख कर वह एक बुढ़िया से बोला “यह लड़ाई किस लिए हो रही हैं?”
बुढ़िया बोली मुझे नहीं पता फिर साधु ने पास खड़े लड़के से पूछा तो वह भी कोई जबाब नहीं दे पाया।
फिर जब दुसरे लोगो से साधु को लड़ाई की असली वजह का पता चला, तब उसने भीड़ को शांत होने का इशारा किया और उनसे पूछा “बिना बात को समझे लड़ने वाले को आप क्या कहेंगे?”
कोई कुछ नहीं बोला सब चुप हो गए. फिर साधू बोला हमारे समाज की यहीं समस्या है – लोगों को ये पता ही नहीं है की असल में वो लड़ क्यूँ रहे हैं. बस एक दुसरे की देखा देखी (भेड) चाल में चल रहे है.
MORAL(शिक्षा)
जिस दिन लड़ाई करने से पहले आपके अंदर उसका कारण जानने की उत्सुकता आ जाएगी समझना आपका लोगो के प्रति और जीवन के प्रति व्यव्हार सुधर जायेगा.